
Samar Singh: Struggle, Career and Success Story
समर सिंह: भोजपुरी संगीत और फिल्म जगत के उभरते सितारे
परिचय
समर सिंह भोजपुरी संगीत और फिल्म उद्योग में अपनी अनूठी पहचान के लिए जाने जाते हैं। उनकी गायकी, अभिनय और पेशेवर प्रतिबद्धता ने उन्हें लाखों दर्शकों का प्रिय बना दिया है। उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर उनकी आज की सफलता तक।प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
समर सिंह का जन्म 12 जून 1989 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मेहनगर गाँव में एक साधारण शिक्षक परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत का गहरा लगाव था। गाँव के कार्यक्रमों में भाग लेकर उन्होंने अपने गायन कौशल को निखारा। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मेहनगर, आजमगढ़ में हुई, जहाँ उन्होंने बुनियादी शिक्षा ग्रहण की। बाद में, उन्होंने दसवीं, बारहवीं और स्नातक (बीए) की पढ़ाई बिहार के जैनगर, मधुबनी से पूरी की।
संगीत करियर की शुरुआत
समर सिंह ने बहुत ही कम उम्र में ही संगीत के प्रति अपने जुनून का परिचय दिया।
शुरुआती कदम:
कॉलेज के दिनों में ही वे स्थानीय आयोजनों में गायन के माध्यम से अपने दर्शकों तक पहुँचे। 2002 में उन्होंने अपना पहला भोजपुरी होली गीत "ई गोल गोल का ह" रिकॉर्ड किया, जिससे उन्हें आरंभिक पहचान मिली। हालांकि, यह गीत तत्काल लोकप्रियता का कारण नहीं बन सका।ब्रेकथ्रू:
2015 में रिलीज़ हुआ "गन्ना के रस" गीत ने समर सिंह की पहचान को नया मुकाम दिया। यूट्यूब पर इस गीत ने 86 मिलियन से अधिक बार व्यूज प्राप्त किए, जिससे उनके करियर को ठोस उड़ान मिली।
प्रमुख गीत और संगीत उपलब्धियाँ
समर सिंह के गीतों में भोजपुरिया लोकसंगीत की जीवंतता और आधुनिकता का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है। उनके कुछ प्रमुख गीतों में शामिल हैं:
- "रतिया कहाँ बितवला" (2016):
यह गीत उनकी गायकी की मधुरता और भावनात्मक अभिव्यक्ति को दर्शाता है, जिसने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। - अन्य हिट गीत:
2019 और 2020 के दौरान उन्होंने कई लोकप्रिय गीत पेश किए, जैसे:
- "गेहू कटब ना सईया"
- "गुरहि जलेबी"
- "नैहर में धन कटवाएंगे"
- "जिंदगी के किनारा"
- "ककरी भईल बा कमरिया लपक के"
- "सईया धरावेला थरेसर"
इन गीतों ने भोजपुरिया संगीत में नई ऊर्जा का संचार किया और युवा दर्शकों के बीच लोकप्रियता हासिल की। - समर सिंह के सभी गानों का प्लेलिस्ट : यहाँ से सुने
फिल्मी करियर और अभिनीत भूमिका
समर सिंह ने सिर्फ़ संगीत के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा में भी अपने कदम जमाए हैं।
- फिल्मी पदार्पण:
उनके फिल्मी करियर की शुरुआत कुछ चुनिंदा परियोजनाओं से हुई। फिल्म "विनाशक" (2019) में उनके अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, उन्होंने "इश्क तो पागलपंती है" जैसी फिल्मों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। - अभिनय की विशेषताएँ:
उनकी फिल्मों में उनकी अभिनय क्षमता, संवादों की प्रभावशीलता और संगीत के प्रति उनकी समझ साफ झलकती है। बॉलीवुड और भोजपुरी सिनेमा में नई ऊर्जा लाने वाले कलाकार के रूप में उनकी पहचान मजबूत हो रही है।
व्यक्तिगत जीवन और रुचियाँ
समर सिंह का जीवन सिर्फ पेशेवर उपलब्धियों तक सीमित नहीं है।
- व्यक्तिगत रुचियाँ:
वे फिटनेस के प्रति बेहद जागरूक हैं और नियमित रूप से जिम जाते हैं। स्वस्थ जीवनशैली उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में दिखती है। - पशु प्रेम:
समर सिंह जानवरों के प्रति भी अपने गहरे प्रेम के लिए जाने जाते हैं। उनके पास दो पालतू कुत्ते हैं, जिनके प्रति उनकी दुलार और देखभाल साफ दिखाई देती है। - सामाजिक प्रतिबद्धता:
अपने सामाजिक परिवेश और भोजपुरिया संस्कृति के प्रति समर्पित रहते हुए, वे युवा कलाकारों को प्रेरणा देने में भी जुटे रहते हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
समर सिंह ने भोजपुरिया संगीत और सिनेमा को एक नई दिशा प्रदान की है।
- सांस्कृतिक विरासत:
उनके गीतों में पारंपरिक भोजपुरिया तत्वों के साथ आधुनिक संगीत का मेल देखने को मिलता है, जिससे वे सभी उम्र के दर्शकों को आकर्षित करते हैं। - प्रेरणा स्रोत:
युवा कलाकारों के लिए उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद, समर सिंह ने अपनी मेहनत, लगन और जुनून से ऊँचाइयाँ छुई हैं। - सामाजिक योगदान:
वे स्थानीय आयोजनों में भाग लेकर और समाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहकर अपनी पहचान को और मजबूत करते हैं। उनकी संगीत यात्रा ने ना केवल मनोरंजन का स्रोत बने हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा को भी विश्व मंच पर पहचान दिलाई है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
हर कलाकार की तरह, समर सिंह ने भी अपने करियर में चुनौतियों का सामना किया है।
- चुनौतियाँ:
भोजपुरी संगीत उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के साथ, नए कलाकारों को अपनी पहचान बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समर सिंह ने इन चुनौतियों को अपने निरंतर प्रयास, संगीत में नवीनता और मेहनत से पार किया है। - भविष्य की योजनाएँ:
आने वाले दिनों में वे और भी अधिक फिल्में और संगीत परियोजनाएँ लेकर आने की उम्मीद रखते हैं। उनकी योजनाओं में न केवल मनोरंजन जगत में तरक्की शामिल है, बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक पहलों में भी योगदान देना शामिल है। - संकट :भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे का सुसाइड केस काफी संवेदनशील और चर्चा का विषय रहा है। 26 मार्च 2023 को वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में स्थित एक होटल के कमरे में आकांक्षा की मृतदेह पाई गई थी, जहां वह एक फिल्म के शूट के सिलसिले में थीं। हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट में इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन उनकी मां, मधु दुबे ने आरोप लगाया कि आकांक्षा को अपने बॉयफ्रेंड गायक समर सिंह और उनके रिश्तेदार संजय सिंह द्वारा लगातार धमकियां और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था। इसी के चलते पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या में सहायता) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत समर सिंह और संजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। फिलहाल मामले की जाँच जारी है और पुलिस द्वारा मोबाइल फोन डेटा समेत अन्य सबूतों की समीक्षा की जा रही है, जिससे मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।
निष्कर्ष
समर सिंह का जीवन एक प्रेरणादायक यात्रा है – एक ऐसे कलाकार की कहानी जिसने अपने संघर्ष, समर्पण और प्रतिभा के बल पर भोजपुरी संगीत और सिनेमा में अपनी अनूठी पहचान बनाई। उनके गीत, अभिनय और सामाजिक योगदान ने न केवल मनोरंजन का एक नया अध्याय रचा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि जुनून और मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। आज वे नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, और आने वाले वर्षों में उनके और भी काम देखने को मिल सकते हैं।
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