
Learn Bhojpuri language easily. Know the grammar of our rich Bhojpuri language
भोजपुरी व्याकरण सीखने के लिए एक छोटा प्रयास चरण-दर-चरण गाइड
भोजपुरी मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी झारखंड में बोली जाने वाली एक महत्वपूर्ण इंडो-आर्यन भाषा है। इसकी समृद्ध लोककथाओं, गीतों और सांस्कृतिक परंपराओं के कारण इसका एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भोजपुरी में क्षेत्रीय विविधताएँ मौजूद हैं, जैसे कि दक्षिणी जिलों में "ड़" का उपयोग और उत्तरी जिलों में "ट", साथ ही "बाटे" और "बाड़े" जैसे शब्दों में अंतर । इन विविधताओं के बावजूद, व्याकरण का एक मानक रूप मौजूद है जिस पर यह गाइड केंद्रित रहेगा।
भोजपुरी का परिचय
भोजपुरी पूर्वी इंडो-आर्यन भाषा परिवार की एक महत्वपूर्ण भाषा है जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग और झारखंड के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। इसके अलावा, नेपाल, मॉरीशस और कैरेबियाई देशों में भी इसे बोलने वाले लोग हैं। भोजपुरी का व्याकरण कई मामलों में अन्य पूर्वी इंडो-आर्यन भाषाओं से मिलता-जुलता है।
भोजपुरी का डिटेल्ड परिचय भोजपुरी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है, जो हिंदी लिपि के समान है। इसलिए, शुरुआती लोगों को कई अक्षरों से पहले से ही परिचित होंगे। हालाँकि, कुछ सूक्ष्म अंतर और विशिष्टताएँ हैं जिन पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। भोजपुरी में स्वर वर्णों की चर्चा करते हुए, यह पाया गया है कि जबकि वे काफी हद तक हिंदी से मिलते जुलते हैं, कुछ विद्वानों के अनुसार इनकी संख्या में मामूली अंतर हो सकता है । उदाहरण के लिए, भोजपुरी में 'अ' का उच्चारण हिंदी की तुलना में थोड़ा अधिक गोल होता है । इसके अतिरिक्त, हिंदी में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले अक्षर 'ऋ' और 'लृ' भोजपुरी में सामान्यतः अनुपस्थित होते हैं, हालाँकि तत्सम शब्दों जैसे 'ऋतु' और 'ऋषि' में ह्रस्व 'ऋ' का प्रयोग मिल सकता है । व्यंजन वर्णों में, 'ण' का उच्चारण भोजपुरी में सामान्य रूप से नहीं होता है, और इसके स्थान पर 'न' का प्रयोग किया जाता है। इसके विपरीत, 'न' और 'भ' जैसे नासिक्य व्यंजन भोजपुरी में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं ।
भोजपुरी में स्वरों के उच्चारण में कुछ विशिष्टताएँ हैं जो इसे हिंदी से अलग करती हैं। 'अ' ध्वनि, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, का उच्चारण करते समय मुँह थोड़ा गोल होता है । एक और महत्वपूर्ण विशेषता 'अ' का विलंबित उच्चारण है, जो ऐसा लग सकता है जैसे कि यह एक दीर्घ स्वर है, लेकिन इसे अभी भी ह्रस्व 'अ' के रूप में लिखा जाना चाहिए, जैसे कि 'कतना' । भोजपुरी में 'इ' और 'ई', साथ ही 'उ' और 'ऊ' दोनों का स्पष्ट रूप से उच्चारण किया जाता है । 'ऐ' के उच्चारण में भी भिन्नता है; यह अक्सर 'अ' (जैसे 'भइया' में) या 'अए' (जैसे 'बएल' में) के रूप में उच्चारित होता है । इसी तरह, 'औ' का उच्चारण आमतौर पर 'अव' या 'अउ' होता है, हालाँकि बोलचाल की भाषा में हिंदी के 'कौआ' जैसा उच्चारण भी सुना जा सकता है, जैसा कि 'जौरे' शब्द में है जिसका अर्थ है 'साथ में' । संयुक्त व्यंजनों के संबंध में, 'ज्ञ' का उच्चारण भोजपुरी में 'ग् + ञ' की तरह होता है (जैसे 'भाग्यँ'), जबकि 'त्र' का उच्चारण हिंदी की तरह 'र' होता है । इन उच्चारण संबंधी बारीकियों को समझना शुरुआती लोगों के लिए भोजपुरी को सही ढंग से बोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भोजपुरी में संज्ञा (Nouns)
संज्ञा के तीन रूप
भोजपुरी में संज्ञा के तीन मुख्य रूप होते हैं:
लघु रूप (शॉर्ट फॉर्म): यह संज्ञा का सामान्य रूप होता है।
गुरु रूप (लॉन्ग फॉर्म): यह थोड़ा बड़ा रूप होता है।
गुरुतर रूप (रिडंडेंट फॉर्म): यह सबसे विस्तृत रूप होता है।
उदाहरण के लिए:
घोड़ा (लघु रूप), घोड़वा (गुरु रूप), घोड़उआ या घोड़उवा (गुरुतर रूप)
पोथी (लघु रूप), पोथिया (गुरु रूप), पोथियवा (गुरुतर रूप)
संज्ञा के विशेष प्रयोग
कभी-कभी गुरु रूप 'ए' के साथ समाप्त होता है, जैसे: घोड़वे।
गुरुतर रूप के दो अतिरिक्त भेद होते हैं:
'आ' वाला रूप: जैसे कुकुर से कुकुरा, भतार से भतरा, सोनार से सोनरा
'या' वाला रूप: जैसे माली से मलिया, बेटी से बेटिया, औरत से औरतिया
निश्चित और अनिश्चित रूप
ग्रियर्सन के अनुसार, गुरुतर रूप ("रिडंडेंट फॉर्म") वास्तव में संज्ञा को "निश्चित" बनाने का काम करता है - जैसे अंग्रेजी में 'the' और फ्रेंच में 'la'। उदाहरण के लिए:
घोड़ा = कोई घोड़ा (a horse)
घोड़वा = वह विशेष घोड़ा (the horse)
माली = माली जाति का व्यक्ति (a gardener)
मलिया = वह विशेष माली (the gardener)
सर्वनाम (Pronoun) वे शब्द हैं जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं। भोजपुरी में विभिन्न प्रकार के सर्वनाम पाए जाते हैं, जिनमें पुरुषवाचक (व्यक्तिवाचक), निश्चयवाचक (निश्चित), अनिश्चयवाचक (अनिश्चित), निजवाचक (निजवाचक), संबंधवाचक (संबंधवाचक) और प्रश्नवाचक (प्रश्नवाचक) सर्वनाम शामिल हैं । आदरसूचक सर्वनाम भी भोजपुरी में महत्वपूर्ण हैं । उत्तम पुरुष (पहला व्यक्ति) और मध्यम पुरुष (दूसरा व्यक्ति) सर्वनामों में 'भी' का अर्थ व्यक्त करने के लिए 'हूँ' का प्रयोग होता है, जबकि अन्य पुरुष (तीसरा व्यक्ति) में 'ओ' का प्रयोग होता है ।
उदाहरण
पुरुषवाचक:-मैं स्कूल जा रहा हूँ।, I am going to school., हम स्कूल जात बानी।
निश्चयवाचक:-वही किताब मेरी है, That very book is mine, उहे किताब हमार बा
अनिश्चयवाचक:-कोई यहाँ आया था, Someone had come here, कउनो इहाँ आइल रहे,
विशेषण (Adjective) वे शब्द हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं । संज्ञाओं की तरह, भोजपुरी में विशेषणों के भी लघु, गुरु और गुरुतर रूप होते हैं (जैसे, बड , बडका , बाडकवा जिसका अर्थ है "बड़ा") । कभी-कभी विशेषणों के साथ 'हन' और 'हर' प्रत्यय भी लगते हैं (जैसे, लम - लमहर और बड - बड़हन ) । सामान्य तौर पर, विशेषण संज्ञा के लिंग के अनुसार नहीं बदलते हैं, लेकिन '/का /' (पुल्लिंग) और '/की /' (स्त्रीलिंग) प्रत्यय वाले गुरु रूप लिंग के अनुसार बदलते हैं ।
क्रिया (Verb) उन शब्दों को कहते हैं जो किसी कार्य या अवस्था को व्यक्त करते हैं । भोजपुरी में क्रियाएँ वाक्य संरचना का एक अनिवार्य हिस्सा हैं । क्रियाओं के तीन मुख्य काल होते हैं: वर्तमान काल (वर्तमान काल), भूतकाल (भूतकाल) और भविष्य काल (भविष्यत्काल) । प्रत्येक काल में क्रियाओं के अलग-अलग रूप होते हैं, जिन्हें हम आगे विस्तार से देखेंगे। क्रियाओं को मुख्य क्रिया (मुख्य क्रिया) और सहायक क्रिया (सहायक क्रिया) में भी विभाजित किया जा सकता है ।
वर्तमान काल में क्रिया के व्यापार की निरंतरता का बोध होता है । इसके लिए विभिन्न प्रत्ययों का प्रयोग होता है जैसे ‘लन, ली, ल, लु’ और ‘आनी, बानी, बाड़न, बाडू, बाडूजा, बाड़ीसन’ । उदाहरण के लिए, "वह जाता है" का भोजपुरी में अनुवाद "ऊ जाला" या "ऊ जात बा" हो सकता है। "मैं पढ़ रहा हूँ" के लिए "हम पढ़त बानी" का प्रयोग किया जा सकता है ।
भूतकाल क्रिया के उस रूप को कहते हैं जिससे बीते हुए समय का बोध होता है । इसके लिए ‘रही/रहे’ और ‘रहली/रहले/रहलन/रहलनसऽ’ जैसे रूपों का प्रयोग होता है । उदाहरण के लिए, "मैंने दे दिया था" का भोजपुरी में अनुवाद "हम दे देले रहनीं" होगा । "वह नहीं खा रहे थे" के लिए "उ ना खइले रहलन" का प्रयोग किया जा सकता है ।
भविष्यत्काल की क्रिया से ज्ञात होता है कि कार्य व्यापार बाद में आरंभ होने वाला है । इसके लिए ‘ब/बु/हन/हनजा’ जैसे प्रत्ययों का प्रयोग होता है । उदाहरण के लिए, "नौकर जायेगा" का भोजपुरी में अनुवाद "नौकर जाई" होगा । "हम अपने घर जाएँगे" के लिए "हमनीकऽ अपना घरे जाएके" का प्रयोग किया जा सकता है ।
भोजपुरी वाक्य संरचना आम तौर पर कर्ता-कर्म-क्रिया (Subject-Object-Verb) क्रम का अनुसरण करती है । यह हिंदी के सामान्य कर्ता-क्रिया-कर्म (Subject-Verb-Object) क्रम से भिन्न है। उदाहरण के लिए, "राम आम खाता है" का भोजपुरी में अनुवाद "राम आम खात बा" होगा, जहाँ "राम" कर्ता है, "आम" कर्म है और "खात बा" क्रिया है। भोजपुरी एक कर्तरि-प्रधान भाषा है, जिसका अर्थ है कि वाक्य में कर्ता की भूमिका प्रमुख होती है ।
कारक (Case Markers) भोजपुरी वाक्य संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये शब्द संज्ञा या सर्वनाम के साथ जुड़कर वाक्य में उनके संबंध को दर्शाते हैं। हिंदी में कारक विभक्तियों का प्रयोग होता है, जबकि भोजपुरी में अक्सर परसर्गों (postpositions) का प्रयोग होता है जो संज्ञा के बाद आते हैं । उदाहरण के लिए, करण कारक (instrumental case) के लिए से , ते , संते और करते का प्रयोग होता है (जैसे, घर से - घर से)। संप्रदान कारक (dative case) के लिए ला , लग, खातिर का प्रयोग होता है (जैसे, घर ला - घर के लिए)। अपादान कारक (ablative case) के लिए से , ले का प्रयोग होता है। अधिकरण कारक (locative case) के लिए में' का प्रयोग होता है (जैसे, घर मे ' - घर में) । संबंध कारक (possessive case) के लिए हिंदी में 'के' का प्रयोग होता है, लेकिन भोजपुरी में यदि 'के' के बाद कोई विभक्ति युक्त शब्द आता है तो 'का' का प्रयोग होता है, जैसे राम का खेत में सरिसो फुलाइल बा (राम के खेत में सरसों फूली हुई है) ।
लिंग (Gender) और वचन (Number) का भोजपुरी क्रियाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, खासकर कर्तृवाच्य (active voice) वाक्यों में । क्रिया का लिंग और वचन कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार होता है। उदाहरण के लिए, लइका खात बा (लड़का खा रहा है) और लइकी खात बिआ (लड़की खा रही है) में क्रियाएँ कर्ता के लिंग के अनुसार बदलती हैं। भोजपुरी में दो लिंग होते हैं, पुल्लिंग और स्त्रीलिंग । वचन, जैसा कि पहले बताया गया है, संख्या का बोध कराता है । भोजपुरी में बहुवचन बनाने के लिए, अंतिम दीर्घ स्वर को छोटा कर दिया जाता है और -न, -न्ह या -नी जोड़ा जाता है। कुछ मामलों में, सभ (सब) या लोग जैसे बहुतायत दर्शाने वाले शब्द भी संज्ञाओं के साथ जोड़े जाते हैं ।
भोजपुरी में विभिन्न प्रकार के वाक्य पाए जाते हैं। सरल वाक्य (simple sentences) में एक कर्ता और एक क्रिया होती है। संयुक्त वाक्य (compound sentences) दो या दो से अधिक सरल वाक्यों से बने होते हैं जो समुच्चयबोधक अव्ययों (conjunctions) से जुड़े होते हैं। मिश्र वाक्य (complex sentences) में एक मुख्य उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं। प्रश्नवाचक वाक्य (interrogative sentences) प्रश्न पूछते हैं और नकारात्मक वाक्य (negative sentences) नकारात्मकता व्यक्त करते हैं। इन विभिन्न प्रकार के वाक्यों की संरचना को समझना भोजपुरी में प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए आवश्यक है।
भोजपुरी में मुख्य क्रिया (main verb) और सहायक क्रिया (auxiliary verb) भी होती हैं । सहायक क्रियाएँ काल, पक्ष और वृत्ति जैसी व्याकरणिक सूचनाएँ प्रदान करती हैं । कुछ सामान्य सहायक क्रियाएँ हैं ‘ला/लन’ (ता है), ‘रहे/रहलन’ (था) और ‘हन’ (एगा) । क्रिया संरचना में, मुख्य क्रिया (धातु) के साथ सहायक क्रिया (व्याकरणिक प्रत्यय) जुड़ती है, जिससे क्रियारूप संरचना बनती है ।
भोजपुरी में प्रत्ययों का प्रयोग बहुत व्यापक है:
वाला प्रत्यय: हिंदुस्तानी से भी अधिक प्रयोग होता है। यह फारसी मूल के 'दार' के स्थान पर भी इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे: इज्जतदार → इज्जतवाला
इया प्रत्यय: (अइया, वैया आदि) का व्यापक उपयोग विशेषता बताने के लिए होता है।
जैसे: कलकतिया = कलकत्ता का या कलकत्ता से संबंधित
भोजपुरी में वाक्य संरचना
वाक्य संरचना की दृष्टि से भोजपुरी में भी तीन प्रकार के वाक्य होते हैं:
1. सरल वाक्य (Simple Sentence)
इसमें एक ही मुख्य क्रिया होती है।
उदाहरण: हम खाना खाइलीं। (मैंने खाना खाया।)
2. संयुक्त वाक्य (Compound Sentence)
इसमें दो या अधिक स्वतंत्र वाक्य जुड़े होते हैं।
उदाहरण: हम खाना खाइलीं आ दवाई पीलीं। (मैंने खाना खाया और दवा पी।)
3. मिश्र वाक्य (Complex Sentence)
इसमें एक मुख्य वाक्य और एक या अधिक आश्रित वाक्य होते हैं।
उदाहरण: हम ओ दवाई खाइलीं जे तू लाइले रहलऽ। (मैंने वह दवा खाई जो तुम लाए थे।)
भोजपुरी सर्वनाम (Pronouns)
निजवाचक (व्यक्तिवाचक) सर्वनाम
उत्तम पुरुष (First Person) सर्वनाम के दो रूप होते हैं:
कमतर या हीन रूप: मे (मैं)
ऊँच रूप: हम (हम)
अभिवादन और सामान्य बातचीत के लिए कुछ वाक्यांश इस प्रकार हैं:
नमस्ते - नमस्ते या राम राम
आपका स्वागत है - राउर स्वागत बा
आप कैसे हैं? - राउर का हाल बा? / रउआ कइसन बानी?
मैं ठीक हूँ - हम ठीक बानी
धन्यवाद - धन्यवाद
फिर मिलेंगे - फेर भेंट होई
शुभ प्रभात - सुभ बिहान
शुभ रात्रि - सुभ रात
प्रश्न पूछने और उत्तर देने के लिए कुछ वाक्यांश:
आपका नाम क्या है? - राउर नाम का ह?
यह क्या है? - इ का ह?
आप कहाँ जा रहे हैं? - रउआ कहाँ जात बानी?
मैं घर जा रहा हूँ - हम घर जात बानी
क्या आप समझते हैं? - का रउआ समझत बानी?
हाँ, मैं समझता हूँ - हाँ, हम समझत बानी
नहीं, मैं नहीं समझता हूँ - ना, हम ना समझत बानी
कुछ अन्य उपयोगी वाक्यांश:
कृपया - किरपा क के
माफ़ कीजिए - माफ करीं
कोई बात नहीं - कवनो बात ना
सहायता कीजिए - मदद करीं
मुझे नहीं पता - हमरा ना मालूम
हाँ - हाँ
नहीं - ना
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