
Paraya Baap & Nidhi Mishra Films Review: Yash Kumar's Emotional Bhojpuri Film 2025
फिल्म रिव्यू ब्लॉग — “पराया बाप”: संबंधों, बलिदान और इंसानियत का इम्तिहान
पराया बाप भोजपुरिया दिलों पर छा गया!
अगर आप भोजपुरी सिनेमा के शौकीन हैं और आपको इमोशनल, संवेदनशील कहानियां पसंद हैं, तो यकीन मानिए—यश कुमार की नई फिल्म "पराया बाप" आपके दिल को छू जाएगी। फिल्म का दमदार ट्रेलर "Yash Kumar Entertainment" के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो चुका है (ट्रेलर देखने के लिए क्लिक करें) और जबर्दस्त तारीफ बटोर रहा है। तो आइये, जानते हैं इस फिल्म में क्या है खास—कहानी, कलाकार, म्यूजिक, और आखिरकार—क्या ये फिल्म देखने लायक है?
फिल्म की कहानी:
"पराया बाप" एक सच्ची भावना, रिश्तों के बलिदान और इंसानियत के ताने-बाने में बुनि हुई कहानी है। ट्रेलर के मुताबिक, फिल्म का आधार है—"जन्म देने वाले से बड़ा, जीवन देने वाला होता है!"
गांव के सीधे-सादे यश (यश कुमार) की जिंदगी तब पटरी से उतर जाती है, जब रास्ते में उन्हें एक मासूम बच्ची बीमार हालत में मिलती है। उस बच्ची की एक किडनी खराब होती है और उसके सगे माँ-बाप भी उसका साथ छोड़ देते हैं। यश ना सिर्फ उस बच्ची को अपनाता है, बल्कि उसके इलाज और परवरिश में भी अपनी ज़िंदगी झोंक देता है।
लेकिन यही इंसानियत उसे समाज के ताने और अजनबियों की आँखों में ‘पराया बाप’ बना देती है। परिवार, समाज, अदालत—हर जगह उस मासूम के भविष्य की लड़ाई है। भावनाओं, जिम्मेदारियों और सामाजिक नजरिए के बीच यश का संघर्ष—फिल्म को दिल छू लेने वाली ऊँचाई पर ले जाता है।
कलाकारों की दमदार परफॉरमेंस:
निधि मिश्रा – बतौर लीड एक्ट्रेस उन्होंने यश के साथ जबरदस्त केमिस्ट्री दिखाई है।
अन्य कलाकार भी अपने अपने किरदार में असरदार हैं, खासकर कोर्ट, परिवार और गांव के दृश्य काफी भावुक हैं।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष:
फिल्म के डायरेक्टर रुस्तम अली चिश्ती ने एक साधारण और आसानी से छू जाने वाली कहानी को सुंदर तरीके से परदे पर उतारा है। जहाँगीर सय्यद की छायांकन, प्रवीण शेलार की नृत्य कोरियोग्राफी और साजन मिश्रा का मखमली म्यूजिक फिल्म को और भी असरदार बनाता है। संवाद (मनोज गुप्ता) और गीत दिल को छू जाते हैं।
संगीत:
फिल्म के गाने दिल छूने वाले हैं। म्यूजिक दिल को सीधे छूता है और हर सिचुएशन में सधा हुआ लगता है। सदाबहार भोजपुरिया धुनों के साथ आधुनिक प्रयोग भी देखने को मिलते हैं।
क्या है खास?
*भोजपुरी फिल्मों का सबसे बड़ा मसला—मसाला और मेलोड्रामा इसमें भी है, मगर जबरदस्ती नहीं।
*कई सीन आपको हँसाएंगे, रुलाएंगे और सोचने पर मजबूर करेंगे।
*सामाजिक संदेश—"पराया मत कहो उस शख्स को, जिसने जीवन दिया हो!"
क्यों देखनी चाहिए ‘पराया बाप’?
अगर आप चाहते हैं कि Bhojpuri सिनेमा सिर्फ नाच-गाने तक न सिमटे, बल्कि समाज और रिश्तों की सच्चाई भी पेश करे—तो ये फिल्म जरूर देखिए। फिल्म का मजबूत मैसेज, शानदार परफॉर्मेंस और इमोशनल कहानी लंबे समय तक आपके दिल में रहेगी।
"पराया बाप" भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए ताजगी का झोंका है। यश कुमार और निधि मिश्रा की जोड़ी, सशक्त निर्देशन और दिलकश संगीत—फिल्म को यादगार बनाते हैं। अगर दिल से फिल्म देखते हैं, तो आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी और आप कहेंगे—"पराया नहीं, बल्कि रीयल बाप है ये!"
Written by - Sagar
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