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Garmi 2025 | Review of Ashish Yadav and Babli Pandey powerful Maghi-Bhojpuri action film.

भोजपुरी सिनेमा की नई धमाकेदार एंट्री: 'गर्मी' – प्यार, बदला और जज्बे की आग लगाती फिल्म!

भोजपुरी और मगही सिनेमा के शौकीनों के लिए एक नई सनसनी पैदा हो गई है। बद्रीनाथ एंटरटेनमेंट के बैनर तले रिलीज हुई 'गर्मी' फिल्म ने यूट्यूब पर जैसे ही कदम रखा, दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रोड्यूसर दीपक कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजना, जो कॉ-प्रोड्यूसर उमेश शर्मा के सहयोग से साकार हुई, यह फिल्म न सिर्फ एक्शन से भरपूर है बल्कि भावनाओं की गहराई भी छूती है। डिजिटल हेड पवन शर्मा और उनके डिजिटल पार्टनर ब्राइट डिजिटल मीडिया की बदौलत यह फिल्म https://youtu.be/bVaCX4mLrlg?si=CX6a-qXcw4-_XBqK पर आसानी से उपलब्ध है। आइए, इस ब्लॉग में हम इस फिल्म की पूरी कहानी को खोलते हैं – इतने बारीकी से कि आपको लगे जैसे आप थिएटर में बैठे हैं। 

कहानी का सफर: गांव की मिट्टी से शहर की आग तक

फिल्म की शुरुआत होती है बिहार के एक छोटे से गांव से, जहां सूरज की किरणें मिट्टी को छूकर 'गर्मी' पैदा करती हैं। हीरो अशिष यादव का किरदार – एक साहसी, जज्बेदार युवक रामू – गांव का लाल है, जो अपने परिवार की इज्जत बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार। रामू का सपना है शहर जाकर पढ़ाई करना, लेकिन किस्मत उसे एक तूफान में फंसा देती है। राइटर अभय यादव की कलम से बुनी यह स्क्रिप्ट इतनी जीवंत है कि हर संवाद दिल में उतर जाता है। रामू शहर पहुंचता है, जहां उसे मिलती है बबली पांडे का किरदार – रानी, एक तेज-तर्रार, स्वाभिमानी लड़की जो शहर की चकाचौंध में भी अपनी जड़ें नहीं भूलती। दोनों के बीच प्यार की पहली चिंगारी तब लगती है जब रामू रानी को एक गुंडों के झुंड से बचाता है। सिनेमेटोग्राफी फीरोज खान ने इस सीन को इतने खूबसूरत शॉट्स से सजाया है कि लगता है जैसे कैमरा खुद प्यार की भाषा बोल रहा हो – हल्की धूप, उड़ते पत्ते और आंखों की वो नजरें जो बिना बोले सब कह देती हैं।

लेकिन 'गर्मी' तो अभी शुरू हुई है! कहानी में ट्विस्ट आता है जब रामू को पता चलता है कि रानी का परिवार शहर के बड़े डॉन काला ठाकुर (एक नेगेटिव रोल, जो फिल्म को और रोमांचक बनाता है) के कर्ज के जाल में फंसा है। काला ठाकुर रानी को अपनी काली महत्वाकांक्षाओं का शिकार बनाना चाहता है। रामू का खून खौल उठता है – यहीं डायरेक्टर अभिसेक सम्राट की दमदार डायरेक्शन नजर आती है। वे दृश्यों को इतनी सफाई से बुना है कि दर्शक रामू के साथ ही बदले की आग में जलने लगते हैं। एक्शन दिनेश यादव ने स्टंट सीक्वेंस को हाई-ऑक्टेन बना दिया – मारधाड़ के सीन में रामू का एक हाथ लाठी, दूसरा दिल की धड़कन, और दुश्मन भागते नजर आते हैं। बीच-बीच में कोरियोग्राफर सोनू प्रीतम और साहिल राज के कोरियोग्राफी वाले गाने फिल्म को ठंडक देते हैं। पहला रोमांटिक नंबर 'तोर गर्मी में ठंडक' म्यूजिक साजन मिश्रा, SBR और विक्की बॉक्स द्वारा कंपोज्ड, लिरिक्स चिंटू राजा, अमन अल्बेला और दुर्गेश भट्ट द्वारा लिखा – रामू और रानी का डांस इतना मोहक कि आप खुद थिरकने लगें।

कहानी आगे बढ़ती है बदले की राह पर। रामू गांव लौटता है, जहां उसके दोस्त और परिवार की मदद से वह काला ठाकुर के खिलाफ तहरीक खड़ी करता है। लाइन प्रोडक्शन अभिषेक रावत और हृतिक ने लोकेशन्स को इतना रियल बनाया कि गांव की धूल और शहर की चमक दोनों असली लगते हैं। बीच में कॉमेडी का तड़का लगाते हैं असिस्टेंट डायरेक्टर अभिषेक दुबे, दीपक पंडित और शालू रॉय के सहयोग से बने साइड ट्रैक्स। रामू की मां का किरदार भावुक करता है, जबकि कास्टिंग विक्की गुप्ता ने हर रोल को परफेक्ट फिट किया। क्लाइमेक्स में आग लग जाती है – एक भयंकर फाइट जहां रामू अकेला खड़ा होकर पूरे गिरोह को धूल चटा देता है। पोस्ट प्रोडक्शन आई फोकस स्टूडियो (विजय-दिनेश) और डीआई कलरिस्ट इंद्रदेव यादव ने कलर्स को इतना जीवंत किया कि स्क्रीन से गर्मी महसूस होती है। अंत में, रामू और रानी की शादी के साथ कहानी खत्म होती है, लेकिन संदेश साफ है – सच्चा प्यार और जज्बा हर 'गर्मी' को बुझा सकता है। बैकग्राउंड म्यूजिक चंद्रशेखर सिंह ने इमोशंस को और गहरा किया, जबकि एडिटिंग गुरजंत सिंह और आर्ट राम ठाकुर ने पेस को बिल्कुल परफेक्ट रखा।

तकनीकी पक्ष: एक परफेक्ट ब्लेंड ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट

फिल्म की खूबसूरती सिर्फ कहानी में नहीं, बल्कि हर विभाग में झलकती है। एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर सुभाष कमत ने बजट को सही जगह लगाया, जबकि प्रोडक्शन कंट्रोलर चंदन सिंह ने शूटिंग को स्मूथ बनाया। ड्रेस डिजाइनर नानू फैशन ने रामू के देसी लुक को स्टाइलिश टच दिया – कुर्ता-पायजामा में भी हीरो जैसा लगता है! प्रमो दिलीप मौर्य ने ट्रेलर को वायरल बना दिया, और पब्लिसिटी डिजाइनर देवा आर्ट (सूरज गिरी) के पोस्टर्स ने buzz क्रिएट किया। स्पेशल थैंक्स निलेश कुमार और नंदन यादव को, जिनके बिना यह सफर अधूरा था। कुल मिलाकर, यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाई देती है – एक्शन, रोमांस, ड्रामा का ऐसा मिश्रण जो आपको सीट से न हिलने देगा।

Written by - Sagar

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2025-10-19 19:55:23

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