Angreji Bahu Bhojpuri New Movie Review: यामिनी सिंह और निशार खान

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अंग्रेजी बहू, गांव के पुराने संस्कार पे नया प्रहार

Bhojpuri फिल्म “ANGREJI BAHU” का ट्रेलर साफ दिखाता है कि यह सिर्फ कॉमेडी नहीं, बल्कि गांव, संस्कार, लव मैरिज और शिक्षा जैसे मुद्दों पर तगड़ा पंच मारने वाली फिल्म है। Yamini Singh और Nisar Khan की जोड़ी के साथ यह फिल्म देहात की सोच और “अंग्रेजी बहू” की नई सोच के बीच सीधा टकराव दिखाती है, जो दर्शकों को इमोशन, हंसी और मैसेज तीनों का फुल पैकेज है।

फिल्म की मुख्य कहानी

कहानी सिरपुर नाम के गांव से शुरू होती है, जहां पूरा जिला जवान अनुशासन और संस्कार के लिए मिसाल माना जाता है, और इसी वजह से यहां लव मैरिज जैसी बातें “असंस्कार” मानी जाती हैं। गांव के प्रधान और बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि यहां प्यार से शादी करना पूरे गांव पर कलंक लगाने जैसा है, इसलिए हर किसी पर खानदानी रुतबा और समाज की इज़्जत बनाए रखने का भारी दबाव है।​​

इसी माहौल में एक ऐसा लड़का है जो अपने प्यार से लव मैरिज कर लेता है और घर पर ऐलान हो जाता है “अनर्थ कर देहल” और “गांव के नाक कट गइल।” परिवार में जल्द दादा बनने की बात, बहू पर शक और समाज के ताने मिलकर माहौल को और विस्फोटक बना देते हैं, जबकि बहू खुद कहती दिखती है कि “मैं प्रेग्नेंट भी नहीं हूं, मुझे तो सिर्फ लैट्रिन की स्मेल से उल्टी हुई है”, जो सीधे-सीधे घरवालों की सोच पर व्यंग्य करता है।​

अंग्रेजी बहू और गांव का टकराव

फिल्म की नायिका “अंग्रेजी बहू” गांव वालों की नजर में ऐसी लड़की है जो कपड़े और लाइफस्टाइल से गांव की संस्कृति बिगाड़ रही है – “कपड़ा पहन के अपना मेहरारू के ले घूमत… एकदम से गांव बर्बाद कर दे।” बाइक पर पति के साथ घूमना, मॉडर्न ड्रेस पहनना और खुलकर बात करना यहां के लिए बगावत जैसा दिखाया गया है, जिसकी वजह से गांव के लोग उसे परिवार और समाज के लिए खतरा मान लेते हैं।​

दूसरी तरफ बहू का असली संघर्ष यह है कि उसे सिर्फ कपड़े से नहीं, उसकी सोच और काम से पहचाना जाए। वह घर-परिवार की इज्जत रखते हुए भी, औरत की आवाज बुलंद करने से पीछे नहीं हटती – खासकर तब, जब उसे और उसके पति के रिश्ते को “नाजायज़” कहकर कटघरे में खड़ा किया जाता है और वह ठाठ से पूछती है – “इन दोनों के रिश्ते को नाजायज बताने वाले आप होते कौन हैं?”​

इंग्लिश कोचिंग और शिक्षा वाला एंगल

ट्रेलर का सबसे बड़ा हाइलाइट है “अंग्रेजी बहू” द्वारा चलाया गया इंग्लिश कोचिंग सेंटर, जहां वह सिर्फ ₹1 में बच्चों को अंग्रेजी सिखाती है। गांव के वही बच्चे जो कल तक इंग्लिश नाम लेते ही डर जाते थे, आज उसी विषय को अपना फेवरेट मानने लगे हैं और यह चेंज पूरी तरह बेबी भौजी (अंग्रेजी बहू) की मेहनत और समर्पण से आता है।​

संस्कार और पढ़ाई के बीच की खींचतान को फिल्म बहुत दिलचस्प अंदाज में दिखाती है। एक तरफ कुछ लोग कहते हैं कि अंग्रेजी कोचिंग से गांव की संस्कृति खराब होगी, तो दूसरी तरफ बहू का तर्क है  “पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे ना”, यानी आधुनिक शिक्षा और गांव की जड़ों को साथ लेकर चलने का रास्ता ही असली समाधान है।

परिवारिक ड्रामा, इमोशन और तगड़े डायलॉग

घर की सास, बड़की बहू और छोटी बहू के बीच की राजनीति ट्रेलर में साफ झलकती है – “जितना अपने छोटी बहू के बर्दाश्त करतारी, उतना हम दोनों जन के थोड़ी ना बर्दाश्त करिए।” इस लाइन से पता चलता है कि घर के अंदर भी भेदभाव है और अंग्रेजी बहू को हमेशा कटघरे में खड़ा किया जाता है, जबकि वो सिर्फ सम्मान और बराबरी की लड़ाई लड़ रही है।​

एक जगह बहू भावुक होकर कहती है कि वह पूरे खानदान को बर्दाश्त कर रही है और जब पति गुस्से में बोल पड़ता है “तुमसे प्यार करना और तुमसे शादी करना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी”, तब ट्रेलर इमोशनल पीक पर पहुंच जाता है। यहां से फिल्म रिश्तों की कश्मकश, अहंकार, इज्जत और प्यार के बीच की जंग को और गहराई से छूती दिखती है।​

कॉमेडी, व्यंग्य और गांव की रियलिटी

ट्रेलर में कई सीन हल्की-फुल्की कॉमेडी और व्यंग्य से भरे हुए हैं जैसे गाय के शुद्ध गोबर वाली लैट्रिन को पवित्र साबित करने की जिद, जबकि बहू उसी की स्मेल से परेशान है। गांव वाले जिस चीज को “संस्कार” मानते हैं, बहू उसी को सवालों के घेरे में खड़ा करती है, जिससे कई मजेदार और सोचने पर मजबूर करने वाले पल बनते हैं।​

सिगरेट, दारू और मर्दों की गंदी आदतों पर भी बहू और घर की औरतें खुलकर सवाल उठाती दिखती हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि फिल्म सिर्फ सास–बहू टाइप ड्रामा नहीं, बल्कि गांव की हिपोक्रेसी (एक तरफ संस्कार, दूसरी तरफ छुपे अपराध और गलतियां) को भी कटघरे में खड़ा करती है।​​

स्टार कास्ट और टेक्निकल टीम

फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रही हैं Yamini Singh, जो अंग्रेजी बहू के किरदार में एक साथ निडर, शिक्षित और भावुक बहू का रूप लेकर आती हैं। उनके साथ Nisar Khan लीड हीरो के रूप में हैं, जो एक तरफ परिवार और गांव की सोच के दबाव में हैं, तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी का साथ भी देना चाहते हैं, इसी द्वंद्व से उनके किरदार में गहराई आती है।​​

फिल्म के अन्य कलाकारों में Vidya Singh, Anoop Arora व अन्य कलाकार शामिल हैं, जो गांव के अलग-अलग चेहरे – प्रधान, सास, देवर-जेठ और समाज के तथाकथित ठेकेदार – के रूप में कहानी को मजबूत सपोर्ट देते हैं। प्रोड्यूसर Atul Pandey और Arup Sur ने इस कॉन्सेप्ट को बड़े कैनवास पर पेश किया है, जबकि डायरेक्टर Sanjeev Kumar ने इसे एंटरटेनिंग ढंग से परोसने की कोशिश की है।​​

म्यूजिक, डांस और प्रोडक्शन वैल्यू

फिल्म का म्यूजिक और गीत Roshan Singh ने तैयार किए हैं, जो ट्रेलर में बैकग्राउंड और कुछ झलकते गानों के जरिए गांव की मिट्टी और मॉडर्न टच दोनों का फ्लेवर देते हैं। Choreographer Praveen Selaar ने लोक रंग और हल्के-फुल्के डांस मूव्स के साथ गानों को फेस्टिव फील देने की कोशिश की है, जो सिंगल स्क्रीन से लेकर यूट्यूब दर्शकों तक सभी को पसंद आ सकता है।​

DOP Ranjan Yadav ने गांव के लोकेशन, खेत-खलिहान, और घर-आंगन को काफी नेचुरल लुक में शूट किया है, जिससे फिल्म विजुअली रियलिस्टिक लगती है, जबकि Editor Shankar Pandey के तेज़ कट ट्रेलर को एंगेजिंग बनाते हैं। प्रोडक्शन मैनेजमेंट में Alok Singh और Ankit Singh, डिजाइन में Prashant और म्यूजिक लेबल तथा सैटेलाइट पार्टनर के रूप में Captain Music और Captain TV Channel फिल्म की पहुंच को और बढ़ाते हैं।​​

क्यों देखनी चाहिए “ANGREJI BAHU”?

अगर आप ऐसी भोजपुरी फिल्में पसंद करते हैं जो सिर्फ नाच–गाना नहीं, बल्कि समाज पर करारा तंज भी कसें, तो “अंग्रेजी बहू” आपके लिए है।​​

फिल्म गांव बनाम आधुनिकता, लव मैरिज, बहू की इज्जत, शिक्षा और डबल स्टैंडर्ड जैसे मुद्दों को मसालेदार लेकिन संवेदनशील अंदाज में उठाती दिखती है।​​

Yamini Singh का दमदार किरदार, इंग्लिश कोचिंग का यूनिक एंगल, और गांव की कट्टर सोच से टकराती एक शिक्षित बहू ये सब इसे बाकी आम सास–बहू वाली फिल्मों से अलग और “हटके” बनाते हैं।​​
Written by - Sagar

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2025-12-03 16:58:22

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