
Aata Chakki Ek Prem Kahani Review With Story: Dhananjay Dhadkan & Baby Kajal. Bhojpuri Movie 2025
आटाचक्की एक प्रेम कहानी: एक मधुर भोजपुरी प्रेमकहानी की समीक्षा
आटाचक्की एक प्रेम कहानी भोजपुरी सिनेमा के प्रेमियों के लिए लेकर आई है एक ऐसी फिल्म जो साधारण जीवन में छुपे असाधारण प्रेम को दर्शाती है। गीत रिकॉर्ड्स के यूट्यूब चैनल पर रिलीज इस फिल्म ने अपनी सरलता और मार्मिक कहानी से दर्शकों का दिल जीत लिया है। आइए, इस फिल्म पे चर्चा करते हैं।
फिल्म की कहानी: आटाचक्की से शुरू हुई प्रेम की दास्तान
फिल्म की कहानी एक युवा, मेहनती लड़के (धनंजय धड़कन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी आटाचक्की चलाकर जीवन यापन करता है। उसकी ज़िंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आता है जब उसकी मुलाकात नायिका (बेबी काजल) से होती है। उनकी पहली मुलाकातें, चाय या साइकिल की चैन बनवाने जैसे छोटे-मोटे बहाने से होती हैं, जैसा कि ट्रेलर के शुरुआती दृश्यों में दिखता है।
धीरे-धीरे, ये मुलाकातें दोस्ती में बदल जाती हैं और फिर कब दोनों का दिल एक-दूसरे पर आ जाता है, उन्हें खुद पता नहीं चलता। हीरो के दिल में नायिका की 'सांवर सूरत' की मूरत बस जाती है और नायिका को भी 'आटा खत्म होने' का बहाना बनाकर उससे मिलने की बेचैनी रहने लगती है। उनकी दोस्ती प्यार में बदल जाती है, जहां वो एक-दूसरे को अपना 'टांग' और 'चक्की' बताते हैं, दोस्ती पक्की होने की कसमें खाते हैं।
टकराव और क्लाइमेक्स:
लेकिन हर प्रेम कहानी की तरह, इस कहानी में भी मुश्किलें हैं। नायिका का परिवार, खासकर उसके 'मास्टर साहब' पिता, इस रिश्ते के सख्त खिलाफ हैं। उनके लिए एक 'चक्की चलाने वाले' से अपनी लड़की का रिश्ता नामंज़ूर है। टकराव तब चरम पर पहुंच जाता है जब यह खबर फैलती है कि 'मास्टर जी की लड़की एक चक्की चलाने वाले के साथ भाग गई'।
फिल्म का बाकी हिस्सा इसी संघर्ष पर आधारित है—क्या उनका प्यार परिवार और समाज के विरोध के सामने टिक पाएगा? फिल्म यह सवाल छोड़ती है कि जब प्यार में सब कुछ दांव पर लग जाता है, तो आशिक़ सात समंदर पार करने की हिम्मत कैसे जुटाते हैं। फिल्म का अंतिम संदेश है कि सच्चा प्रेम हर कठिनाई को पार कर जाता है, भले ही इसके लिए मर भी जाना पड़े।
अभिनय और तकनीकी टीम
फिल्म के किरदारों और तकनीकी पक्ष को मज़बूत बनाने के लिए एक अनुभवी टीम ने काम किया है।
मुख्य कलाकार: धनंजय धड़कन ने 'चक्की वाला' प्रेमी का किरदार पूरी ईमानदारी से निभाया है। बेबी काजल ने अपनी मासूमियत और अभिनय से प्रेम के भावों को खूबसूरती से व्यक्त किया है। उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ताज़ा और आकर्षक है।
निर्देशक: मंजुल ठाकुर ने इस प्रेम कहानी को न केवल निर्देशित किया है, बल्कि अरविंद तिवारी के साथ मिलकर इसकी पटकथा (Screenplay) भी लिखी है। उनका निर्देशन भावनाओं को सही ढंग से उभारता है।
लेखन: फिल्म के जानदार डायलॉग्स अरविंद तिवारी ने लिखे हैं, जो कहानी को गहराई देते हैं।
संगीत: छोटे बाबा का संगीत और अरविंद तिवारी के गीत (Lyrics) कहानी के मूड को पूरी तरह से दर्शाते हैं। फिल्म के गाने निश्चित रूप से दर्शकों के बीच छा जाएंगे।
निर्माण: निर्माता मंजुल ठाकुर और चंदन चौधरी ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है। कार्यकारी निर्माता (Executive Producer) अनिल नैनन और प्रोडक्शन मैनेजर्स अरविंद यादव और सोनू यादव की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है।
तकनीकी टीम: सिद्धार्थ सिंह और सरफराज़ आर. खान की सिनेमैटोग्राफी (Cinematography) फिल्म के दृश्यों को आकर्षक बनाती है, जबकि समीर शेख की एडिटिंग (Editing) कहानी की गति बनाए रखती है। कोरियोग्राफी आनंद भकुनी द्वारा की गई है।
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