विनय आनंद का जीवन परिचय
विनय आनंद एक मशहूर भारतीय अभिनेता हैं, जिन्होंने हिंदी और भोजपुरी सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई है। उनका जन्म मुंबई में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बॉलीवुड से की। लेकिन बाद में भोजपुरी फिल्मों में कदम रखा और वहां के दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली। उनकी जिंदगी की कहानी मेहनत, प्रतिभा और सपनों को पूरा करने की एक मिसाल है।
प्रारंभिक जीवन
विनय आनंद का जन्म 23 मार्च 1978 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता रवि आनंद एक जाने-माने गीतकार थे, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कला का जादू दिखाया। उनकी मां पुष्पा आहूजा आनंद मशहूर बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की बहन हैं। इस तरह विनय गोविंदा के भांजे हैं और अभिनेता कृष्णा अभिषेक व रागिनी खन्ना के चचेरे भाई । उनकी दादी नर्मला देवी एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं और दादा अरुण कुमार अहूजा बॉलीवुड अभिनेता थे। उनका परिवार शुरू से ही फिल्मों की चकाचौंध से जुड़ा रहा है।
विनय ने अपनी पढ़ाई मुंबई के मिथीबाई कॉलेज से पूरी की। बचपन से ही फिल्मी माहौल में पलने की वजह से उनका रुझान अभिनय की ओर बढ़ा। अपने मामा गोविंदा को देखकर उन्होंने भी एक्टिंग में करियर बनाने का सपना देखा।
करियर की शुरुआत
विनय आनंद ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1999 में हिंदी फिल्म महेश कोठारे निर्देशित "लो मैं आ गया" से की। जिसमें उन्होंने अजय की भूमिका निभाई । इस फिल्म में उन्होंने प्रेम चोपड़ा और मोहन जोशी जैसे बड़े अभिनेताओं के साथ स्क्रीन शेयर की और अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया। फिल्म में उनका काम देखकर लोगों को लगा कि ये नया चेहरा कुछ खास कर सकता है। इसके बाद उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में अभिनय किया। इनमें "दिल ने फिर याद किया (2001)," "सौतेला (2002)," और "आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया (2001)" जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में उन्होंने सहायक भूमिकाएँ निभाईं और अपने अभिनय से ध्यान खींचा। आमदनी अठन्नी...' में उन्होंने गोविंदा के साथ काम किया, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बनी ।
भोजपुरी सिनेमा में सफलता
हिंदी सिनेमा में कुछ साल काम करने के बाद विनय ने भोजपुरी फिल्मों की ओर रुख किया। यहीं से उनकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया। भोजपुरी सिनेमा में उन्होंने मुख्य अभिनेता के तौर पर काम शुरू किया और जल्द ही दर्शकों के चहेते बन गए। उन्होंने अब तक 50 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया है। उनकी कुछ मशहूर फिल्मों में "चाचा भतीजा," "बिहारी रिक्शावाला," "मंगल फेरा," "खूनी दंगल," और "त्रिनेत्र" शामिल हैं।
विनय की सादगी, बेहतरीन अभिनय और स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी ने उन्हें "भोजपुरी फिल्मों का सुपरस्टार" का खिताब दिलाया। भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता आज भी बरकरार है। उनकी फिल्में न सिर्फ मनोरंजन करती हैं, बल्कि आम लोगों की जिंदगी से जुड़ी कहानियां भी बयां करती हैं।
व्यक्तिगत जीवन: प्रेम, विवाह और परिवार
विनय आनंद की शादी कोरियोग्राफर ज्योति आनंद से हुई है, जो लोकप्रिय दक्षिण भारतीय अभिनेत्री सिमरन की बहन हैं। दंपति को संतान की प्राप्ति में 11 वर्षों तक इंतज़ार करना पड़ा, जिसे ज्योति ने अपने सबसे मुश्किल समय के रूप में याद किया है—“हमने 11 साल तक बच्चों का इंतज़ार किया और उस दौरान डॉक्टर्स के चक्कर लगाए… जब बच्चे के होने की ख़बर मिली, तो वह हमारे जीवन का सबसे खुशियों भरा पल था”। उनकी दो बेटियाँ (ब्रिथी व विराजिनी) और एक पुत्र (विवान) है।
पसंद-नापसंद और शौक
खाना: घर का बना खाना और चाइनीज़ व्यंजन।
संगीत: लता मंगेशकर, सुरेश शुक्ला, और शकीरा के प्रशंसक।
शौक: गायन (हालांकि उन्होंने इसे पेशेवर तौर पर छोड़ दिया), परिवार के साथ यात्राएं।
व्यक्तित्व: मज़ाकिया और शांत स्वभाव के।
संघर्ष और कमबैक
बॉलीवुड से दूरी के बावजूद, विनय ने 2025 में हॉरर फिल्म 'मकान' के साथ वापसी की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह फैसला महामारी के दौरान दर्शकों की पसंद को समझने और खुद को नए अंदाज़ में पेश करने की इच्छा से प्रेरित था ।
अनंत में
विनय आनंद ने पिछले दो दशकों में हिंदी और भोजपुरी दोनों ही सिनेमा को अपनी बहुमुखी प्रतिभा से समृद्ध किया है। पारिवारिक विरासत और व्यक्तिगत संघर्षों के बीच उन्होंने लगातार मेहनत की है, और आज वे अभिनेता, गायक व निर्माता के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। भविष्य में फ़्लाइंग हॉर्सेज़ के नए प्रोजेक्ट्स से उनके प्रशंसकों को और भी मनोरंजन की उम्मीद है।
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