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Neha Singh Rathore: Bhojpuri folk singer who raises social questions through songs | Full story of biography

नेहा सिंह राठौर: एक साहसी भोजपुरी गायिका

नेहा सिंह राठौर एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने अपनी आवाज और अपने गीतों के जरिए न सिर्फ भोजपुरी संस्कृति को नई पहचान दी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी बेबाकी से उठाया। बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर आज वो लाखों लोगों की प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी जिंदगी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है - सादगी से शुरू हुई ये यात्रा आज साहस और संघर्ष की मिसाल बन गई है। आइए, उनकी जिंदगी के हर पहलू को करीब से जानते हैं।

जन्म और शुरुआती दिन

नेहा सिंह राठौर का जन्म 1997 में बिहार के कैमूर जिले के जंदाहा गांव में हुआ। ये गांव छोटा सा था, लेकिन नेहा के सपने शुरू से ही बड़े थे। वो अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता रमेश सिंह लखनऊ में एक प्राइवेट फर्म में आर्किटेक्ट हैं, जबकि उनकी मां चंपा देवी एक गायिका होने के साथ-साथ घर संभालती हैं। मां की गायकी ने शायद नेहा को बचपन से ही संगीत की ओर खींचा।
गांव में ही नेहा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। स्कूल के दिनों में वो पढ़ाई में ठीक-ठाक थीं, लेकिन उनका मन हमेशा कुछ अलग करने में लगा रहता था। फिर आगे की पढ़ाई के लिए वो कानपुर गईं और वहां कानपुर विश्वविद्यालय से 2018 में बी.एससी. की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उनकी आवाज पूरे देश में गूंजेगी।

करियर की शुरुआत

नेहा ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 2018-19 के आसपास की। उनका पहला हिट गाना "रोजगार देब का करबा नाटक" था, जिसमें बेरोजगारी के मुद्दे को उठाया गया था। इस गाने ने उन्हें पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शुरुआत में, नेहा अपने मोबाइल फोन से ही गाने रिकॉर्ड करती थीं और उन्हें फेसबुक पर अपलोड करती थीं।
कोविड-19 महामारी के दौरान, मार्च 2020 के लॉकडाउन का प्रवासी मजदूरों पर पड़े प्रभाव को देखते हुए, नेहा ने मई 2020 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया ताकि वे सोशल मीडिया और संगीत के माध्यम से जागरूकता बढ़ा सकें। उन्होंने कोरोना पर जागरूकता का एक गाना भी गाया था, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं।

प्रसिद्धि का उदय

नेहा सिंह राठौर की प्रसिद्धि का वास्तविक उदय उनके राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित गीतों से हुआ। उनके "बिहार में का बा" (2020), "यूपी में का बा?" (2022), "यूपी में का बा? सीजन-2" (2023), और "एमपी में का बा?" (2023) जैसे गीत सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हुए। "बिहार में का बा" 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रिलीज हुआ था, जिसमें बिहार के मजदूरों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। जनवरी 2022 में नेहा ने "यूपी में का बा?" रिलीज किया, जो उत्तर प्रदेश के शासन की आलोचना थी, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान हुई मौतों, लखीमपुर खीरी हिंसा, और हाथरस गैंगरेप मामले जैसे मुद्दों को उठाया गया था।
अक्टूबर 2020 तक, उनके पास लगभग पचास लोकप्रिय वीडियो थे, और राजनीति और राजनीतिक हस्तियों के बारे में उनके व्यंग्य को मान्यता मिली। 2021 में, नेहा को यूट्यूब सिल्वर क्रिएटर अवार्ड मिला, जब उनके चैनल ने 100,000 सब्सक्राइबर्स का आंकड़ा पार किया।

वर्तमान स्थिति और प्रभाव

फरवरी 2024 तक, नेहा के यूट्यूब चैनल के 1.24 मिलियन सब्सक्राइबर्स और 278 मिलियन व्यूज हैं। सोशल मीडिया पर उनके 3 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। नेहा के संगीत में भोजपुरी लोक परंपरा और समकालीन समाज के मुद्दों का अनूठा मिश्रण है। वे अपने गीत स्वयं लिखती हैं और उन्हें गाती हैं।
2025 की शुरुआत में, नेहा पहलगाम आतंकी हमले पर की गई कथित उकसावे वाली सोशल मीडिया पोस्ट के कारण राजद्रोह के मामले का सामना कर रही हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आने वाले राज्य चुनावों के दौरान मोदी सरकार पर पहलगाम त्रासदी के नाम पर "वोट जुटाने" का आरोप लगाया था।

व्यक्तिगत जिंदगी: प्यार और शादी

2022 में नेहा की जिंदगी में एक नया मोड़ आया। उन्होंने हिमांशु सिंह से शादी की। हिमांशु उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से हैं और पेशे से लेखक हैं। दोनों की मुलाकात कैसे हुई, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन उनकी शादी लखनऊ में बड़े सादे तरीके से हुई। हिमांशु ने हमेशा नेहा के काम को सपोर्ट किया है। ये जोड़ी आज भी एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़ी है।

समाज के लिए योगदान

नेहा सिर्फ गायिका नहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उनके गाने बेरोजगारी, दहेज, गरीबी और महिलाओं के अधिकारों जैसे मुद्दों पर बात करते हैं। वो भोजपुरी लोक संगीत को फिर से सम्मान दिलाना चाहती हैं। दिल्ली के लोकतंत्र महोत्सव में उन्होंने एक गाना उस मजदूर महिला को समर्पित किया, जिसने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया था। ये उनकी संवेदनशीलता को दिखाता है।

चुनौतियां और साहस

नेहा की राह आसान नहीं रही। उनके गानों और पोस्ट्स की वजह से उन्हें कई बार पुलिस का नोटिस मिला। लोग उन्हें ट्रोल करते हैं, धमकियां देते हैं, लेकिन वो डरती नहीं। वो कहती हैं, "मुझे लगता है कि अगर मेरे गाने एक भी इंसान की जिंदगी में बदलाव ला सकें, तो मेरा मकसद पूरा हो जाता है।"

डिस्कोग्राफी और कलात्मक शैली

नेहा की डिस्कोग्राफी में कई एल्बम शामिल हैं, जिनमें "ये दिल में बसा है तेरा ही प्यार" (अप्रैल 2023), "यूपी में का बा, पार्ट 2" (जनवरी 2022), "यूपी में का बा?" (जनवरी 2022), "उड़नबाज राजऊ" (जनवरी 2025), और "बिहार में का बा बिहार में ई बा" (जनवरी 2022) शामिल हैं।
नेहा की गायन शैली में भोजपुरी लोक संगीत की मिठास के साथ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर तीखी टिप्पणी का संगम देखने को मिलता है। वे अपने गीतों में सरल भाषा का इस्तेमाल करती हैं ताकि आम जनता तक उनका संदेश आसानी से पहुंच सके। उनके गीतों में बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, किसानों की समस्याएं, और शासन की विफलताओं जैसे विषय प्रमुखता से उठाए गए हैं।

अंत में

नेहा सिंह राठौर ने अपने गीतों के माध्यम से न केवल भोजपुरी संगीत को एक नई पहचान दी है बल्कि समाज के ज्वलंत मुद्दों पर आवाज उठाने का साहसिक काम भी किया है। उनकी सादगी, स्पष्टवादिता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें युवाओं के बीच एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। हालांकि विवादों से घिरे रहना भी उनकी यात्रा का हिस्सा रहा है, लेकिन नेहा ने हमेशा अपने विचारों पर दृढ़ रहकर अपनी बात रखी है।

नेहा सिंह राठौर की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहता है। बिहार के एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, वो साबित करता है कि हिम्मत और मेहनत से कुछ भी मुमकिन है। उनकी आवाज आज न सिर्फ भोजपुरी की शान है, बल्कि सच और इंसाफ की लड़ाई का प्रतीक भी है। वो एक ऐसी सितारा हैं जो न सिर्फ चमकती हैं, बल्कि दूसरों के लिए रास्ता भी रोशन करती हैं।

Written by - Sagar

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2025-04-30 20:16:25

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