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Chandrkanta Bhojpuri Movie 2025: Trailer Review, Star Cast, Story, Release Date and the Magic of Yash Kumar, Sapna Chauhan, Trisha Kar Madhu, New Film

इंस्टाकास्टिंग रिव्यू ब्लॉग: भोजपुरी फिल्म 'चंद्रकांता' – रहस्य, रोमांच और परी लोक की जादुई दुनिया!

भोजपुरी सिनेमा में जब भी कोई नई कहानी आती है, तो दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूने लगती हैं। और जब बात हो ‘चंद्रकांता’ जैसी ऐतिहासिक प्रेम गाथा की, जिसमें रोमांच, रहस्य, जादू और प्रेम का जबरदस्त तड़का हो, तो दिल अपने आप ही देखने को मचल उठता है! 1 जून 2025 को यश कुमार एंटरटेनमेंट के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ ‘चंद्रकांता’ का ट्रेलर (देखें यहाँ) भोजपुरी सिनेमा को एक नई ऊंचाई देने का वादा करता है।

⭐ स्टारकास्ट और मेकर्स की दमदार टीम

अभिनेता: यश कुमार, सपना चौहान, त्रिशा कर मधु, प्रीति मौर्या, अमित शुक्ला, अनीता रावत
निर्देशक: रूस्तम अली चिश्ती
निर्माता: यश कुमार एंटरटेनमेंट, निधि मिश्रा
संगीत: साजन मिश्रा
कथा: एस. के. चौहान
पटकथा: यश कुमार, एस. के. चौहान
संवाद: मनोज गुप्ता
फिल्म की टीम में हर विभाग के एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया है, जिससे फिल्म का हर पहलू शानदार बन पड़ा है – चाहे वो छायांकन हो, संगीत हो या मारधाड़ और नृत्य!

📝 कहानी का सारांश—परी की छाया, मानवीय जिज्ञासा और पागलपन

शुरुआत और चेतावनी
कहानी शुरू होती है संजय पांडेय से, जो अपने छोटे भाई (हीरो) यश कुमार को चेतावनी देता है कि “परियों की रानी चंद्रकांता की छाया है इस जंगल पर; जो भी देखेगा, पागल हो जाएगा और एक साल में उसकी मृत्यु निश्चित है।” यश कुमार के भीतर एक बालक-सी जिज्ञासा उभरती है, लेकिन बचपन के डर से वह जंगल से वापसी कर लेता है। फिर उसके बड़े होने पर गांव लौटते ही, उसकी सगाई तय हो जाती है।

पर्नवासी की रात और पहली झलक
जिस दिन उसका सगाई होता है, उसी रात “पुनर्वासी की रात” होती है—मान्यता है कि परियों की रानी चंद्रकांता अपने साथियो के साथ जंगल में डांस करती है। यश कुमार और उसका एक साथी जिज्ञासा में उस रात जंगल की ओर निकल जाते हैं। थोड़ी देर अंदर जाने पर वे पारी की रानी (सपना चौहान) को जंगल में नृत्य करते देखते हैं। पारी ने यश कुमार को देख लिया और क्रोध में जादू चला देती है। इस जादू के प्रभाव से यश कुमार पागल हो जाता है।

इलाज और मनोचिकित्सक की भूमिका
पागलपन का इलाज करने के लिए गांव में मनोचिकित्सक (त्रिशा कर मधु) आती हैं। एक साल तक उपचार के बावजूद, यश कुमार का मानसिक विकार बढ़ता चला जाता है। परंपरागत दवा या मंत्र-जादू से कोई लाभ नहीं होता। अंततः मनोचिकित्सक की सलाह पर उसे उसी जंगल में ले जाया जाता है, जहां से बीमारी शुरू हुई थी।

क्लाइमेक्स—जीवित चंद्रकांता
जब सभी लोग यश कुमार को “पुनर्वासी की रात” वाले दिन जंगल में छोड़ देते हैं, तो अचानक सारा खेल बदल जाता है। मनोचिकित्सक त्रिशा कर मधु खुद चंद्रकांता की रूप-रहस्य धारण कर लेती हैं और जादुई उपचार से यश कुमार को पूर्ण रूप से स्वस्थ कर देती हैं। यानी, अंत में सच में वही पारी बनकर उससे कई सवालों के जवाब प्राप्त करती है और उसे “पागलपन” से मुक्ति दिलाती है।

🎵 संगीत, एक्शन और विजुअल्स – हर फ्रेम में जादू

फिल्म का संगीत साजन मिश्रा ने तैयार किया है, जिसमें धरम हिन्दुस्तानी और शेखर मधुर के गीत कहानी को और भी रंगीन बना देते हैं। जंगल के रहस्य, परी लोक के सीन और रोमांटिक ट्रैक – हर फ्रेम में विजुअल ट्रीट है। मारधाड़ के सीन और नृत्य निर्देशन भी फिल्म को अलग लेवल पर ले जाते हैं।


👑 क्यों देखें ‘चंद्रकांता’?
रहस्य और रोमांच: परी लोक, श्राप, जादू और इंसानी जिज्ञासा का अनोखा संगम।
प्रेम की नई परिभाषा: पहली नजर का प्यार, पागलपन और फिर चमत्कारी इलाज।
भोजपुरी सिनेमा का नया अध्याय: मेगा बजट, शानदार कास्ट और बेहतरीन प्रोडक्शन वैल्यू।
फैमिली एंटरटेनमेंट: डर, रोमांस, इमोशन, म्यूजिक – सबकुछ एक साथ।

चंद्रकांता’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, भोजपुरी सिनेमा का जादुई अनुभव है। यश कुमार और उनकी टीम ने एक ऐसी कहानी पेश की है, जिसमें रहस्य भी है, रोमांस भी, और फैंटेसी की दुनिया भी। ट्रेलर देखकर यकीन हो जाता है कि ये फिल्म दर्शकों के दिल में अपनी खास जगह बनाने वाली है।

तो तैयार हो जाइए, परियों की दुनिया में डूबने और चंद्रकांता के जादू को महसूस करने के लिए!

Written by - Sagar

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2025-06-01 21:25:23

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